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जाग्रत हिन्दू संघ  ऐसे हिन्दू जागरण का क्या लाभ,जब हमारे पास कोई संगठन ही न हो।


2023-24 

हिंदुस्तान के सबसे छोटी उम्र के IAS और IPS नए ऑफिसर का नाम जानकर आप आश्चर्य चकित हो जाएंगे । *IAS - अंसार शैख, उम्र 21 वर्ष*

*IPS - सफीन हसन , उम्र 21 वर्ष*

ना ना चौंकिए मत , जिस रफ्तार से शांति प्रिय कौम IAS और IPS बन रहें हैं, तो वह दिन दूर नही जब *आपके यहां के DM, SDM, पुलिस अधिकारी सब यहीं होंगे।* 

और इस गलतफहमी में भी न रहे कि नेता और politicial parties देश चलाते है,

*देश चलाते है ये IAS और IPS ऑफिसर।* नेता और पॉलिटिकल पार्टी तो केवल कटपुतली होती है । जो हर पांच साल में बदलते रहते है । और ये सरकारी कर्मचारी केवल रिटायरमेंट के बाद ही जाते है । 




दरगाह पर माथा टेक कर घर लौटा

पति एक दरगाह पर माथा टेक कर घर लौटा, तो पत्नी ने बिना नहाए और कपड़े बदले बिना उसे घर में घुसने नहीं दिया।*

बोली : जब अपने खुद के बाप को। शमशान में जलाकर आये थे, तब तो खूब रगड़-रगड़ के नहाये थे। अब किसी की लाश पर मत्था टेक कर आ रहे हो, अब नहीं नहाओगे?

पति : अरी भागवान, वो तो समाधि है!

पत्नी : समाधि !  उसको जलाया कब ? जलावेगा तभी तो समाधि बनेगी। उसमें तो अभी लाश ही गड़ी है।

पति : अरे, वो तो फरिश्ता है..

पत्नी : तो तुम्हारे पिता जी क्या शैतान और राक्षस थे, जो उन्हें देवता बता रहे हो? हमारे अपने 33 कोटि देवी-देवता कम पड़ गये क्या तुम्हें ?

पति : अरी मुझे तो.. दोस्त अब्दुल ले गया था। अगर नहीं जाऊँगा, तो उसे बुरा नहीं लगेगा?

पत्नी : तो उस अब्दुल को.. सामने वाले हनुमानजी के मंदिर में मत्था टेकवाने ले आना, कल मंगलवार भी है।

पति : वो तो कभी न आवेगा मत्था टेकने। ला तू पानी की बाल्टी दे यार..

पत्नी : तो चलो, कान पकड़कर 10 उठक बैठक लगाओ, और सौगंध उठाओ कि आगे से किसी दरगाह या मजार पर नहीं जाओगे! हमारा घर एक मंदिर  है, यहां बांके बिहारी जी, श्री राधारानी, बालाजी, महादेवजी और माँ आदिशक्ति विराजित हैं।

याद रखना, हम खड़े (जिंदा) को पूजते हैं, लेटे (मुर्दा) को नहीं, आगे कभी अगर ऐसा किया, तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा।

*सनातन संस्कृति की रक्षा करना हम सबका परम कर्तव्य है!*




20 प्रमाण जो कुतुब मीनार को 'वेधशाला/सूर्य स्तंभ' साबित करते हैं

पूर्व क्षेत्रीय निदेशक धर्मवीर शर्मा के तहलका मचाने वाले 20 दावे_ 


1- इसका निर्माण खगोल विज्ञान पर आधारित है।

2- इसे कर्क रेखा के ऊपर बनाया गया।

3- इसे सूर्य की गतिविधि की गणना करने के लिए बनाया गया था

4- इस मीनार की छाया 21 जून को 12 बजे जमीन पर नहीं पड़ती है।

5- यह कर्क रेखा से पांच डिग्री उत्तर में है।

6- विक्रमादित्य ने सूर्य स्तंभ के नाम से विष्णुपद पहाड़ी पर यह वेधशाला बनाई थी।

7- इस मीनार के ऊपर बेल बूटे घंटियां आदि बनी हैं, जो हिंदुओं से संबंधित निर्माण में होती हैं

8- इसे 100 प्रतिशत हिंदुओं ने बनाया, इसे बनाने वालों के इसके ऊपर जो नाम लिखे हैं उनमें एक भी मुसलमान नहीं था।

9- इसे खगोलविज्ञानी वराह मिहिर के नेतृत्व में बनाया गया था।

10- इस वेधशाला में कोई छत नहीं है।

11- इसका मुख्य द्वार ध्रुव तारे की दिशा की ओर खुलता है।

12- 968 तक कुतुबमीनार के मुख्य द्वार के सामने एक पत्थर लगा था, जो ऊपर से यू आकार में कटा हुआ था,उसके ऊपर ठोड़ी रखने पर सामने ध्रुव तारा दिखता था।

13- इस निर्माण में 27 आले हैं, जिनके ऊपर पल और घटी जैसे शब्द देवनागरी में लिखे हैं।

14- आलों के बाहर के छेद दूरबीन रखने के बराबर के हैं, जबकि इनमें अंदर की ओर तीन लोग बैठ सकते हैं

15- कुतुबमीनार के अंदर के भाग में देवनागरी में लिखे हुए कई अभिलेख हैं जो सातवीं और आठवीं शताब्दी के हैं।

16- इसका मुख्य द्वार छोड़कर सभी द्वार पूर्व की ओर खुलते हैं, जहां से उगते हुए सूर्य को निहारा जा सकता है

17- इस मीनार को अजान देने के लिए उपयोग नहीं किया जा सकता है, अंदर से शोर मचाने या चिल्लाने की आवाज बाहर नहीं आती है। (यह लेख आप जरूर सबको शेयर करना)

18- यह कहना गलत है कि इसे कई बार में बनाया गया, इसे एक बार में ही बनाया गया है।

19- मीनार में बाहरी ओर लिखावट में फारसी का इस्तेमाल किया गया है। जो कि बाद में मुस्लिम शासकों ने चालबाजी के तहत इस्तेमाल किया 

20- इस मीनार के चारों ओर 27 नक्षत्रों के सहायक मंदिर थे, जिन्हें तोड़ दिया गया है । इन्हीं मंदिरों के मलबे से एक मस्जिद बनाई गई कुव्वत उल इस्लाम... जिसका पूरा ढांचा मंदिर जैसा ही प्रतीत होता है । 

- ये सारे दावे भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) के पूर्व निदेशक धर्मवीर शर्मा के हैं । उनके अनुसार, यह कुतुबमीनार नहीं, बल्कि यह एक सूर्य स्तंभ है ।

- एएसआइ के पूर्व क्षेत्रीय निदेशक धर्मवीर शर्मा का यह भी कहना है कि यह मीनार एक वेधशाला है जिसमें नक्षत्रों की गणना की जाती थी। 27 नक्षत्रों की गणना के लिए इस स्तंभ में दूरबीन वाले 27 स्थान हैं। 

- धर्मवीर शर्मा का यह भी दावा है कि इस स्तंभ की तीसरी मंजिल पर सूर्य स्तंभ के बारे में जिक्र भी है।

- यहां बता दें कि धर्मवीर शर्मा देश के विख्यात पुरातत्वविदों में शामिल हैं, जो एएसआइ के दिल्ली मंडल में 3 बार अधीक्षण पुरातत्वविद रहे ।

-उन्होंने यहां रहते हुए कुतुबमीनार में कई बार संरक्षण कार्य कराया है, अनेक बार इसके अंदर गए हैं। उस देवनागरी लिखावट को देखा है, जो इसके अंदर के भागों में है । ये खगोलविज्ञानियों को लेकर हर साल 21 जून को कुतुबमीनार परिसर में जाते हैं।

- उनका दावा है कि पुरातात्विक साक्ष्यों के आधार पर यह निश्चित तौर पर कहा जा सकता है कि कुतुबमीनार एक बहुत बड़ी वेधशाला थी जिसका निर्माण सम्राट विक्रमादित्य ने कराया था।




अजब-गजब संयोग..

इसी को कहते हैं दुर्लभ संयोग.

18 दिसंबर 1970 को 

मेरा नाम जोकर 

फ़िल्म रिलीज हुई, औऱ

18 दिसम्बर 1970 को,

राहुल गांधी का जन्म हुआ.


इसी तरह सोनियाजी का जन्मदिन

9 दिसंबर को होता है और

संयुक्त राष्ट्र संघ ने 9 दिसंबर को

अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार निरोधक

दिवस घोषित किया हुआ है...,


श्री मनमोहन सिंह का जन्मदिन

26 सितंबर को होता है,और

26 सितंबर को ही,अंतरराष्ट्रीय

गूंगा-बहरा दिवस होता है..,







001-HERBAL

002-FUNNEY

003- HINDUTAVA

004-MEM POWER

005-POLITICKS

006-POOJA

007-SOCIAL WITH COMEDY

008-YOUTUBE USEFULL VIDEO

009-MOTIVATIONAL VIDEO


011-HINDU HISTORY WHATAPP 

012-OTHERR AND ALL       

जाग्रत हिन्दू संघ

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