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मन की बात -हिन्दू मन
संगठन का महत्व हिन्दू हित में
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संगठन का महत्व हिन्दू हित में
सबसे आसान रास्ता है आत्मसमर्पण कर देना सेक्युलर बन जाना मुस्लिम या ईसाई बनना।
भारत हिन्दू राष्ट्र कभी नहीं बन सकता यह लोकतंत्र है जो लोग बहुमत में होंगे वहीं राज करेंगे। चाहे वह किसी जाति या धर्म के हों।
हिन्दू अभी अंदर से नहीं समझ पाए है कि अब हम राजा की प्रजा नहीं हैं जो वह तुम्हारी रक्षा करेगा।
तो अपने संस्कार व धर्म की रक्षा स्वयं करने में सक्षम बनना होगा।
बाकी देश के हालात ऐसे हैं जिनमें अगर आज तेजी से एकत्र नहीं हुए तो कल समय नहीं बचेगा
जाग्रत हिन्दू होने का अर्थ मेरी समझ से यही है
न कि ट्विटर पर सुबह शाम हर हर महादेव या जयश्रीराम लिखते रहना
बुराई लिखने में नहीं है लेकिन अकेले जयश्रीराम कहते रहो ट्विटर पर दूसरी तरफ अकेले अकेले
हर हिन्दू अकेला रह कर कटता रहे तो किसी को पता नहीं चलता कभी आपका भी नंबर लग जायेगा।
तो अपने संस्कार व धर्म की रक्षा स्वयं करने में सक्षम बनना होगा। तो अपनी सरकार के लिए भी एक होना होगा।
आज आप 1 रु भिखारी को दे कर देखिए
वह नहीं लेगा।
लेकिन अगर 20 हजार लोग एक साथ 1 रुपए जमा करें तो हो सकता है कि कल यही 1 रु आपको करोड़ पति बना दे।
यह संगठन की ताकत है।
10-15000 की मासिक आय के लोग हमारे ग्रुप के है
लेकिन हम आपको नहीं जानते आप भी हमको नहीं।
तो कैसे जानेंगे
जब संगठन-फार्म-1 भरेंगे।
कहने को तो बहुत कुछ है लेकिन आज जब तक 20 हजार नहीं हो जाते हैं सारी बातें निराधार है।
काम बहुत करना है हमारे लोग बात करते हैं
मन्दिर के जमा धन को सरकार से वापस लेने की जो लगभग 1500 करोड़ सालाना है
हिन्दू साथियों,
लेकिन अगर संगठन नहीं है तो कैसे
काम कर पायेंगे।
कृपया अपनी सूचना भरने के फार्म को खोलने के लिए इस नीली लाइन को प्रेस करें
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