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08.कैसे करेंगे हमसब हिन्दू धर्म व देश की रक्षा
RSS के गुरु जी ने लिखा है कि हिन्दू समाज के लोगो को आपस में सहयोग से ही आगे बढ़ना होगा।
यही हमारा मूल मंत्र व उद्देश्य है।
सहयोग के तीन तरीके हैं तन मन और धन
तन से हम अपने पड़ोसी की सहायता कर सकते हैं दूर की नहीं।
लेकिन मन में हो तो धन की सहायता भी कर सकते हैं
आज बैंकिंग बहुत आसान है
लेकिन हर आदमी अपने लिए अपने हिसाब से कम ही कमाता है चाहे वह अंबानी हो या टाटा बिरला।
लेकिन 1 रू तक किसी को देना हो हम नहीं सोचते
यही 1रु जब 20,000 लोग देते हैं तो
जिसको सहायता की जरूरत होती है उसके जीवन का सहारा बन जाता है।
इससे हम अंबानी के शेयर भी खरीद सकते हैं जिससे हमारा 1रु एक साल में 5 रु बन सकता है
यह हम सबकी कमाई होगी जिसे पुनः दुबारा इन्वेस्ट करने में सोचना नहीं पड़ेगा।
RSS ने संगठन के लिए शाखा बनायी है लेकिन नेकर की वजह से हम वहां नहीं जा पाते।
आनलाइन में अब कहीं नहीं जाना।
आनलाइन में हम सभी को हजारों अपने मेंबर या कहें फालोवर या कहें सब्सक्राइबर बेहद आसानी से मिल सकेंगे। हम सबके सहयोग से बिना कोई खर्च के एक नई इनकम शुरू हो सकती है।
सिर्फ बड़ा संगठन बनाने से।
इसके बाद हम जब चाहेंगे पूरे देश में कहीं पर भी एक नया संगठन भी बनाने में सक्षम होंगे।
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